Corporate Profile

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद यूपी के आवासीय एजेंसियों में बतौर नोडल एजेंसी प्रमुख स्थान पर है। इसकी स्थापना अप्रैल 1966 में राज्य की आवासीय दिक्कतों को दूर करने के लिए हुई थी। अपनी स्थापना से अभी तक यह परिषद आवासीय क्षेत्रों में काफी उन्नती कर चुका है और अभी भी कर रहा है। वर्ष 1976 और 1979 में एचयूडीसीओ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर आवासीय प्रतियोगिता को परिषद द्वारा जीता गया था। आम आवासीय परियोजना के अतिरिक्त यूपीएवीपी प्रदेश के सभी प्रकार के नगरीय आवासीय विकास योजना के विभिन्न कार्यों जैसे नियोजन, डिजाईन, निर्माण और विकास में भी हिस्सा लेता रहा है। यूपीएवीपी ने विभिन्न परियोजनाओं का की योजना बनाई और उन्हें सफलतापूर्वक निष्पादित किया है। इसके अतिरिक्त यूपीएवीपी ने विभिन्न स्वास्थ्य और शिक्षा के विकास के लिए परियोजनाएं के लिए योजना बनाई है और उसे सफलतापूर्वक निष्पादित किया है। इसके अतिरिक्त यह परिषद नए जिला मुख्यालय परियोजनाओं पर भी कार्य कर रहा है, जिसके तहत विभिन्न योजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। यूपीएवीपी इतना सक्षम है कि वह बड़े स्तर पर आवासीय कॉलोनियों और नगरों पर कार्य कर सकता है।

यूपीएवीपी एक स्वायत्त निकाय है एवं यह परिषद इस चीज में सक्षम है कि वह अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर अपना सभी कार्यों को निष्पादित कर सके। अगर अन्य संसाधनों की आवश्यक्ता पड़ती है तो विभिन्न वित्तीय संस्थानों जैसे, आवासीय एवं नगरीय विकास निगम, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इण्डिया, एलआईसी, बैंकों, एचडीएफसी आदि द्वारा मदद लेकर उनका सृजन किया जाता है।

वर्ष 2008-09 के लिए बजटीय आय रु.115976 लाख एवं व्यय रु.93169 लाख के साथ ही, यूपीएवीपी के पास एक मजबूत वित्तीय आधार है। पिछले कई वर्षों परिषद ने सभी प्रकार के आवासीय एवं नगरीय विकास परियोजना में बेहतर साबित हुआ है। यूपीएवीपी किसी भी स्तर के परियोजनाओं को टर्नकी आधार पर भारत या उससे बाहर निष्पादित करने में सक्षम है। यूपीएवीपी ने 137 शहरों में अपनी गतिविधियों के लिए अधीसूचित किया है। परिषद ने 78 शहरों में 621.24 हेक्टेयर की भूमि अधीग्रहित करी है, जिसपर आवासीय योजनाओं को क्रियान्वयन किया गया है। यूपीएवीपी ने विभिन्न आकारों के अभी तक 280247 जमीनों और आवासों को विकसित किया है, जो समाज की आवश्यक्ता के अनुसार कार्यरत हैं। समाज के उत्थान के लिए यह यूपीएवीपी द्वारा एक छोटा योगदान है।

मानव संसाधन

यूपीएवीपी एक व्यावसायिक प्रबंधित संगठन है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों जैसे, वास्तुकला, नगर नियोजन, निर्माण तकनीक, इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाईन, निष्पादन एवं रखरखाव, वित्ती प्रबंधन आदि के विशेषज्ञ कार्यरत हैं। वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं अधिकारी एवं प्राशसनिक प्रमुख परिषद के विभिन्न विंग को हैंडल कर रहे हैं।

तकनीकी चरण

अभियंत्रण विंग :
मुख्य अभियंता 1
अधीक्षण अभियंता 9
अधिशासी अभियंता 52
सहायक अभियंता 187

 

वास्तुकला और नियोजन विंग :
चीफ आर्किटेक्ट प्लानर 1
वरिष्ठ वास्तुकार नियोजक 1
वास्तुकार नियोजक 5
सहायक वास्तुकार नियोजक 14

गुणवत्ता

यूपीएवीपी अपने हर काम में गुणवत्ता का पूरे तरीके से ध्यान रखथा है, जिसके लिए उसने अपना गुणवत्ता नियंत्रण नियमावली बनाई है। परिषद ने एक केंद्रीय प्रोयगशाला एवं बहुत सी क्षेत्रीय टेस्टिंग प्रयोगशालाओं की स्थापना करी है। इसके अतिरिक्त बहुत सी साईट प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें परिषद की सभी योजनाएं समन्वित हैं।

पारदर्शिता

परिषद द्वारा किसी भी कार्य को करने के लिए कुछ निर्धारित नियम एवं विनियम बनाए गए हैं। परिषद के सभी नियमों एवं विनियमों को राजपत्रित अधिसूचना द्वारा सार्वजनिक किया जा चुका है।

निराश्रितों के लिए आवास

रहने के लिए घर सभी की आवश्यक्ता है, लेकिन सबसे ज्यादा इसका आवश्यक्ता उन्हे होती है जिनके पास सर ढकने के लिए छत भी नहीं होती है, जिसके बाद ये मजबूर हो जाते हैं सार्वजनिक स्थलों पर ये रहने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए विभिन्न स्थलों पर 8480 आवासीय इकाइयों “आश्रय योजना” का निर्माण कराया गया है।

मध्यम वर्ग के लिए आवासीय योजना

इसके अतिरिक्त, लोअर मिडिल क्लास लोग हैं जिन्हें ऐसे विशेष ध्यान की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के लिए यूपीएवीपी ने अभी तक 200000 आवासीय इकाइयां निर्मित करी हैं, और साथ में यह भी योजना है कि इस वित्तीय वर्ष में अन्य 550 आवासीय इकाइयों का सृजन किया जाएगा।

बहु मंजिला वाणिज्यिक आर्केड एवं कार्यालय

इन कार्यों के अतिरिक्त यूपीएवीपी ने बहु-मंजिला कार्यालयों और वाणिज्यिक टावरों का निर्माण कराया है, जिसका इस्तेमाल परिषद खुद और सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए खुला हुआ है। सार्वजनिक सुविधाएं मुहैया कराना भी परिषद की प्रमुखता है।

नवीन प्रबंधन तकनीकें

आधुनिक प्रबंधन तकनीक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यूपीएवीपी ने विभिन्न नवीन तरीकों एवं तकनीकों को अपनाया है, ताकि इसका तेजी से विकास हो सके, जैसे:-

नेगोशिएशन के माध्यम से भूमि

आम तौर पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी समय लेती है और झंझटी भी है। यूपीएवीपी अब सीधे किसानों/भूमि मालिकों से बातचीत करता है, ताकि नगरीय आवासीय कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जा सके। भूमि अधिग्रहण की यह प्रक्रिया काफी आसान और सफल साबित हुई है।

यूपीएवीपी यह भी योजना बना रहा है कि भूमि अधिग्रहण “बेनेफिट शेयरिंग आधार” पर करेगा। यह रचनात्मक कदम भूमि मालिकों को अपनी जमीन आवासीय एवं नगरीय विकास परियोजनाओं के लिए देने के लिए लुभावन कदम होगा।

यूपीएवीपी संयुक्त रूप से निजी डेवेलेपर एवं संगठनों (प्रख्यात आवास हेतु) के साथ गठबंधन कर रहा है।

आपात प्रबंधन

वर्ष 1999 में, एक भीषण भूकंप से यूपी पहाड़ के गड़वाल क्षेत्र काफी ज्यादा प्रभावित हुआ था। यूपीएवीपी ने ऐसे समय पुनर्वास योजना चलाकर हजारों ऐसे लोगों की मदद करी थी, जिनके घर क्षतिग्रस्त/टूट गए थें। इसके बाद नए मकानों का निर्माण आधुनिक तकनीक और भूकंप प्रतिरोधी तकनीक का इस्तेमाल करके किया गया था।

निर्माण केंद्र

नए निर्माण सामग्री को सृजित एवं कार्यान्वित करने के दृष्टिकोण से, यूपीएवीपी ने राज्य में अपने खुद के 4 निर्माण केंद्र की स्थापना करी है। इन केंद्रों पर नई सामग्री का उत्पादन, परिषद की विभिन्न आवासीय योजनाओं एवं अन्य स्थानीय निकायों द्वारा की जा रही है।

पब्लिक रिड्रेसल

आवंटियों एवं भूमि मालिकों आदि की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, 1997 ले परिषद में पब्लिक रिड्रेसल प्रणाली को कार्यन्वयन किया जा रहा है। इसमें आमने-सामने सुनवाई और मौके पर ही फैसले का प्रावधान है। जनता के सवालों को सुनने के लिए और उनका निवारण करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है।

विविधता

अन्य विभागों एवं एजेंसियों के लिए बड़े स्तर पर परिषद ने अपनी गतिविधियों को विविध किया हुआ है। वर्तमान में परिषद के पास रु.333.63 करोड़ की परियोजनाए हैं, जिसमें 4 से 10 बहुमंजिला इमारतों का निर्माण, उनका इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। 300 बेड की क्षमता वाले अस्पतालों, विभिन्न सरकारी विभागों का निर्माण, समग्र रूप से विकास और जिला मुख्यालयों और विशाल ग्रुप हाउसिंग का निर्माण कराया जा रहा है।